गुरु जी प्रणाम, आज कई दिन बाद आपकी पोस्ट पढने को मिली पिछला सोमवार तो बड़ी निराशा में गुजरा, तीन बार नेट कनेक्ट करके आपके ब्लॉग पर आया आयर तीनो बार मायूस होना पड़ा फिर जब आपकी मेल मिली तो लगा ये सोमवार भी......... मगर ब्लॉग पर आते ही दिल खुश हो गया, नई पोस्ट वाह